क्या गर्भावस्था में पेट का आकार, छोटा या बड़ा है चिंता का विषय ? जानिए अभी | Belly size during pregnancy chart | By Fitness Clues
Belly size during pregnancy chart: गर्भावस्था में पेट के आकर का छोटा या बड़ा होना चिंता का विषय है या नहीं इस बारे में हमने इस पोस्ट में विस्तार पूर्वर्क जानकारी दी है यदि आप भी गर्भावस्था के दौरान पेट के आकार (Belly size during pregnancy chart) को लेकर परेशान है तो इस पोस्ट को जरूर पढ़े ।
मां बनना हर महिला के लिए एक अलग ही एहसास होता है। जो महिलाएं मां बनने वाली होती है उनके बेबी बंप (Baby bump) के आकार को देखकर बहुत कुछ जानकारी प्राप्त हो सकती है। कई अनुभवी महिलाएं मां के बेबी बंप को देख कर यह अंदाजा लगा लेती हैं, कि महिला के गर्भ में पल रहा शिशु लड़का है या लड़की। साथ ही साथ गर्भवती महिला के पेट के आकार को देखकर बच्चे के विकास (Growth of Infant) के बारे में भी आसानी से पता लगाया जा सकता है।
Belly size during pregnancy chart |
वहीं यदि किसी गर्भवती महिला (Pregnant Women) से कहा जाए कि आपका होने वाला शिशु स्मॉल फॉर डेट्स हैं, तो इससे गर्भवती महिला की चिंता काफी हद तक बढ़ जाती है। हालांकि गर्भवती (Pregnant) महिलाओं के पेट का आकार उनकी शारीरिक बनावट पर भी काफी हद तक निर्भर करता है। जैसे कि लंबी महिलाओं के पेट का आकार, छोटी महिलाओं की अपेक्षा अलग होता है।
जानिए क्या वाकई में गर्भावस्था में पेट का आकार चिंता का विषय हो सकता है। Belly size during pregnancy chart
कई बार गर्भवती महिलाओं का छोटा बेबी बंप इस ओर इशारा करता है कि उनके गर्भ में पल रहा शिशु गेस्टेशनल एज (Gestational age) से छोटा है। आइए जाने स्मॉल फॉर डेट के बारे में पूरी जानकारी ।
जाने क्या है स्मॉल फॉर डेट्स ? Small for gestational age (SGA)
इसका तात्पर्य है कि गर्भवती महिला के गर्भ में पल रहा शिशु गर्भावस्था की उस स्टेज के मुताबिक सामान्य से काफी छोटा है। प्रेगनेंसी के उस स्टेज में गर्भ में पल रहे शिशु को मापना बहुत ही कठिन होता है। यदि गर्भवती महिला के गर्भ में शिशु नहीं बढ़ रहा है, तो मां का वजन बढ़ने लगता है। जिसकी जॉच के लिए ज्यादातर डॉक्टर अल्ट्रासाउंड का सहारा लेते हैं। अल्ट्रासाउंड (Ultrasound) को डॉक्टर बच्चे के विकास की सही जांच करने के लिए उपयुक्त मानते हैं। इससे डिलीवरी तक बच्चे की ठीक प्रकार से जांच की जा सकती है। अल्ट्रासाउंड के द्वारा गर्भ में पल रहे शिशु की सही मेजरमेंट की तुलना शिशु ग्रोथ चार्ट से करने के पश्चात डॉक्टर पता लगाते हैं कि शिशु सामान्य है या स्मॉल फॉर डेट्स।
Belly size during pregnancy chart |
डॉक्टरों के लिए भी स्मॉल फॉर डेट्स का पता लगाना थोड़ा कठिन होता है। इसीलिए डॉक्टरों द्वारा स्कैन की सलाह दी जाती है। ऐसा नहीं है कि प्रत्येक महिला को ये समस्या हो। एक तिहाई गर्भवती महिलाओं को ही स्मॉल फॉर डेट्स शिशु की समस्या हो सकती है।
जाने स्मॉल फॉर डेट्स कारण / Reason for small for gestational age (SGA)
1. प्लेसेंटा की समस्या / Placenta problem
प्लेसेंटा की समस्या (Placenta problem) मां और शिशु के बीच जीवन को कम करती है। प्लेसेंटा मां और शिशु के बीच जीवन रेखा की तरह कार्य करता है। यदि प्लेसेंटा का असफल होगा, तो मां और शिशु दोनों को सही पोषण और ऑक्सीजन (Oxygen) ना मिलने के कारण उस शिशु के विकास में बाधा आने लगती है। गर्भवती महिलाओं को प्लेसेंटा की समस्या जब होती है, जब गर्भवती महिला लगातार बीमार रहे या उन्हें हाई ब्लड प्रेशर (Blood Pressure) की समस्या हो या किडनी (Kidney) से कोई जुड़ा रोग हो।
2. हानिकारक है धूम्रपान, शराब और ड्रग्स का सेवन / Harmful smoking, alcohol and drugs intake
धूम्रपान, शराब और ड्रग्स स्मॉल फॉर डेट्स का एक बड़ा कारण है। यदि गर्भवती महिलाएं लगातार इन चीजों का सेवन करती है, तो इसका सीधा असर बच्चे के विकास (Growth of Infant) पर पड़ता है।
3. जेनेटिक असामान्यता या इन्फेक्शन / Genetic abnormalities or infections
कई बार ऐसा भी होता है कि गर्भवती महिलाओं के गर्भ में पल रहे शिशु का विकास किसी जेनेटिक (Genetics) असमानता (Genetic abnormalities) के कारण भी रूक सकता हैं या फिर कोई इन्फेक्शन (infections) भी स्मॉल फॉर डेट्स का कारण हो सकता है।
अन्य कारण भी हो सकते हैं छोटी बेबी बंप के / There may be other reasons for small baby bumps
गर्भवती महिलाओं के छोटे बेबी बंप (small baby bumps) होने के अन्य कारण भी हो सकते हैं। जैसे कि गर्भवती महिला की उम्र। यदि कोई गर्भवती महिला 18 साल की हैं या कोई गर्भवती महिला 35 साल की, तो इस अवस्था में स्मॉल बेबी बंप (small baby bumps) की संभावना काफी हद तक बढ़ जाती है।
Belly size during pregnancy chart |
कुछ आंकड़ों के मुताबिक जो महिलाएं गर्भावस्था में स्मॉल फॉर डेट्स का शिकार होती है। उनकी दूसरी बार प्रेगनेंसी (Pregnancy) में भी इस समस्या की संभावना बनी रहती है। यदि आपकी पहली प्रेग्नेंसी में इस समस्या का कोई विशेष कारण जैसे कि हाई ब्लड प्रेशर, धूम्रपान या अन्य कारण है, तो आप इन समस्याओं पर काबू पाकर एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दे सकती हैं।
स्मॉल फॉर डेट्स की समस्या से अपने शिशु को बचाने के लिए गर्भवती महिलाएं अपना खास ध्यान रखें। इसके साथ ही आप डॉक्टर के परामर्श पर समय-समय पर बच्चे की जांच अल्ट्रासाउंड के जरिए कराती रहें। जिससे कि आपको गर्भस्थ शिशु की विकास की पूर्ण जानकारी प्राप्त हो सकें।
यदि इस पोस्ट से सम्बंधित आपका कोई भी सवाल हो तो आप कमेंट बॉक्स में अपने सवाल कर सकते है । हम जल्द से जल्द आपके सवालों का जवाब देने की पूरी कोशिश करेंगे ।
धन्यवाद !
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